purane din

विचारणीय है कि क्या सचमुच हम विकसित हुए हैं या यह केवल एक छलावा है? ( Have we really evolved? )

कभी नेनुँआ टाटी पे चढ़ के रसोई के दो महीने का इंतज़ाम कर देता था। कभी खपरैल की छत पे चढ़ी लौकी महीन…

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